एक समय की बात हैं कि जंगल में एक शेर के पैर में कांटा चुभ गया। पंजे में जख्म हो गया और शेर के लिए दौड़ना असंभव हो गया। वह लंगड़ाकर मुश्किल से चलता। शेर के लिए तो शिकार करने के लिए दौड़ना जरुरी होता है। इसलिए वह कई दिन कोई शिकार न कर पाया और भूखों मरने लगा। कहते हैं कि शेर मरा हुआ जानवर नहीं खाता, परन्तु मजबूरी में सब कुछ करना पडता हैं।